ग़ज़ल - मेरी मुहब्बत नयी नहीं है (Ghazal - Meri Muhabbat Nayi Nahin Hai)
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ग़ज़ल - मेरी मुहब्बत नयी नहीं है
बड़ी पुरानी है ये कहानी, मेरी मुहब्बत नयी नहीं है।
जो फाँस बन के गड़ी हुयी है, जिगर में हसरत नयी नहीं है।
कभी लिखे थे दिलों पे अपने, जो नाम इक दूसरे के हमने,
नहीं धुलेंगे वो आंसुओं से, छपी इबारत नयी नहीं है।
न तू ये जाने जगह जो मैंने, तेरे लिये थी कभी बनायी,
सजा के दिल में तुझे है पूजा, मेरी इबादत नयी नहीं है।
दवा नहीं मिल रही है इसकी, बुख़ार हमको जो हो गया है,
है आग सीने में इक पुरानी, मेरी हरारत नयी नहीं है।
जो बात उसको बता न पाये, सुना रहे हैं यहाँ सभी को,
ग़ज़ल लिखी आज फिर से 'अवि' ने, खुदा की रहमत नयी नहीं है।
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Vocal - Dr. SC Rastogi
Music & Harmonium - Mrs. Sadhna Rastogi
Tabla - Amol
Lyrics - Vivek Agarwal 'Avi'
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