जमशेद क़मर सिद्दीकी के साथ चलिए कहानियों की उन सजीली गलियों में जहां हर नुक्कड़ पर एक नया किरदार है, नए क़िस्से, नए एहसास के साथ. ये कहानियां आपको कभी हसाएंगी, कभी रुलाएंगी और कभी गुदगुदाएंगी भी. चलिए, गुज़रे वक्त की यादों को कहानियों में फिर जीते हैं, नए की तरफ बढ़ते हुए पुराने को समेटते हैं. सुनते हैं ज़िंदगी के चटख रंगों में रंगी, इंसानी रिश्तों के नर्म और नुकीले एहसास की कहानियां, हर इतवार, स्टोरीबॉक्स में. Jamshed Qamar Siddiqui narrates the stories of human relationships every week tha ...
…
continue reading
उस दोपहर घर के कबाड़ वाले कमरे में कुछ ढूंढते हुए मेरी नज़र एक पुरानी किताब पर पड़ी. धूल से पटी वो किताब कोई नॉवेल थी. मैंने उसे खोला तो अंदर से एक कागज़ सरक कर नीचे गिरा. मैंने पढ़ा तो वो ख़त उनके प्रेमी का था. सुनिए पूरी कहानी स्टोरीबॉक्स में. साउंड मिक्सिंग: सूरज सिंहAaj Tak Radio による
…
continue reading
![Artwork](/static/images/128pixel.png)
1
वीकेंड के क्रांतिकारी | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद
18:04
18:04
「あとで再生する」
「あとで再生する」
リスト
気に入り
気に入った
18:04बहुत पुराने वक्त की बात है. एक शहर था जहां सब कुछ ठीक था. ठीक इसलिए था क्योंकि उस शहर में कोई किसी से शिकायत नहीं करता था. लोगों में ज़ब्त का बड़ा माददा था. उदास चेहरे , भूख और बेकारी तो थी लेकिन फिर भी सब कुछ ठीक था. लोग अपने शहर के हुक्मरान से प्यार करते थे. क्रांति स्थगित थीं क्योंकि क्रांतिकारियों को दफ़्तर से छुट्टी नहीं मिलती थी लेकिन हां कुछ…
…
continue reading
हम उस जेनरेशन से आते हैं जो इश्क़ करना फिल्मों से सीखती है जहां हर पल कुछ हो रहा होता है. कोई शरारत, कोई बात, कोई बातचीत. हम समझते हैं कि इश्क़ में ऐसा ही होता है और अगर ये नहीं है तो इश्क़ बोरिंग है लेकिन हकीकत ये है कि इश्क़ उन शादीशुदा पुराने लोगों के बीच भी होता है जो एक कमरे में बैठे बिना बात किये खामोशी से अपना अपना काम करते रहते हैं. उनका इश…
…
continue reading
हमारे मुहल्ले में एक साहब रहते हैं जिनके 6 बच्चे हैं और सारे के सारे बच्चे इतने शैतान कि जिस तरफ जाते हैं लगता है टिड्डी किसी खेत पर हमला करने जा रहे हैं. एक रोज़ वो साहब अपने सारे बच्चों और बीवी के साथ हमाए घर मोहल्लेदारी करने आ गए. बच्चों ने पूरे घर का जायज़ा इस तरह लेना शुरु कर दिया जैसे वो किसी कमरे में नहीं, किसी जंगल में आए हों. उसके बाद दो ब…
…
continue reading
"दुनिया में औलाद और मां-बाप की ये कहानी हज़ारों बार दोहराई जा चुकी है पर ये कहानी है कि कभी पुरानी नहीं होती. ये कहानी तब तक दोहराई जाएगी जब तक औलादें उतनी मुहब्बत अपने मां-बाप से करना नहीं सीखेंगी. फिक्र मत करो, घर तुम्हारे नाम कर दिया है बेटा" - सुनिये उम्र के आखिरी मोड़ पर खड़े एक शख्स की आखिरी मुहब्बत और उसके बेटे की नाराज़गी की कहानी - चलो एक …
…
continue reading
उनकी हर बात 'नहीं' से शुरु होती थी. मान लीजिए आप उनसे कहें कि आज बड़ी सर्दी है, वो कहेंगे "नहीं, कल ज़्यादा पड़ेगी" आप कहिए, "मैं कल सड़क पर फिसल कर गिर गया" वो फौरन कहेंगे, "नहीं, ये तो कुछ भी नहीं, मैं तो एक दफ़ा ऐसा फिसला था कि क्या बताऊं, हुआ यूं कि..." और फिर किस्सा शुरु कर देंगे. हमेशा चूड़ीदार पैजामा पहनते थे औक मूंछों पर ताव देते थे. पैजामा…
…
continue reading
![Artwork](/static/images/128pixel.png)
1
दा निज़ामुद्दीन एक्सप्रेस | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद
22:48
22:48
「あとで再生する」
「あとで再生する」
リスト
気に入り
気に入った
22:48निज़ामुद्दीन एक्सप्रेस में मिले दो अजनबी खेलते हैं ट्रेन में कौन सा ख़तरनाक खेल? सुनिए जमशेद क़मर सिद्दीक़ी की नई थ्रिलर कहानी - दा निज़ामुद्दीन एक्सप्रेसAaj Tak Radio による
…
continue reading
![Artwork](/static/images/128pixel.png)
1
The New Year Psycho | दा न्यू ईयर साइको | स्टोरीबॉक्स
16:43
16:43
「あとで再生する」
「あとで再生する」
リスト
気に入り
気に入った
16:43वो नए साल की रात थी... चैपल स्ट्रीट से घर लौटते एक शख्स को एक औरत की लाश पड़ी मिली... लाश का सर धड़ से अलग था. और उसे बेरहमी से मारा गया था. जिस्म के सारे नाखून खींच लिये गए थे और सर से सारे बाल नोच लिये गये थे. पुलिस को ख़बर की गयी लेकिन जबतक पुलिस पहुंची तब तक इलाके में एक और कत्ल हो गया. दो रोज़ के बाद पुलिस को एक खत मिला जिसमें कातिल ने कहा था …
…
continue reading
"तुम कहना क्या चाहती हो, क्या ये कह रही हो कि मैं नहाता नहीं हूं, मैं तो रोज़ नहाता हूं बल्कि दिन में दो बार नहाता हूं" - "देखिए, दो डोंगा पानी डाल कर पोछ लेने को नहाना नहीं कहते, कभी बाथरूम में रखी वो लाल रंग की टिकिया देखी है उसे साबुन कहते हैं, कभी इस्तेमाल की है वो" - "नहीं, मैं साबुन नहीं लगाता क्योंकि साबुन में तेज़ाबी चीज़ें होती हैं और उससे…
…
continue reading
सर्द रात में उसकी बेटी बुखार से बुरी तरह से तप रही थी लेकिन उसकी जेब में इतना पैसा भी नहीं था कि एक चादर ख़रीद सकता. बेटी अपनी कंपकपी छुपा रही थी ताकि बूढ़ा बाप अपनी बेबसी पर कम शर्मिंदा हो लेकिन उसके कांपते हुए होंठ उसका साथ नहीं दे रहे थे. बाप उठा और कब्रिस्तान की तरफ चल दिया - सुनिए कहानी जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से…
…
continue reading
चुगलखोर चाचा जब मर कर दूसरी दुनिया में पहुंचे तो उन्हें पता चला कि वो तो दोज़ख में भेज दिये गए हैं। वहां उन्होंने क्या किया कि उन्हें वापस जन्नत भेजा गया और आखिर क्यों उन्हें जन्नत रास नहीं आई - सुनिए पूरी कहानी स्टोरबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी सेAaj Tak Radio による
…
continue reading
बात सिर्फ एक ग्लास पानी की थी लेकिन घर में रखा पानी बदबूदार था. उसका गला इस क़दर सूख गया था कि बस मरने ही वाला था और पूरे गांव में सिर्फ एक कुआं था जहां पानी मिल सकता था और वो था ठाकुर साहब का कुआं. उस कुएं से पानी पीना उसके लिए मना था लेकिन उसकी पत्नी ने फैसला किया कि वो आधी रात को जाएगी पानी लेने के लिए - सुनिए कहानियों के बादशाह मुंशी प्रेमचंद क…
…
continue reading
![Artwork](/static/images/128pixel.png)
1
ससुर जी का पुराना स्कूटर | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद
22:12
22:12
「あとで再生する」
「あとで再生する」
リスト
気に入り
気に入った
22:12उस रात मानव इतिहास में पहली बार एक अनोखा काम होने जा रहा था। एक आदमी जिसे खुद एक काम नहीं आता था वो आदमी वही काम दूसरे को सिखाने जा रहा था. वो काम था स्कूटर चलाना सिखाना. हमने सोचा था कि सिखाने में क्या मुश्किल है बस यही तो कहना है - सामने देखो-सामने देखो, बैलेंस बनाओ-बैलेंस बनाओ... चलाने वाला सीखता तो खुदी है... पर हम ग़लत थे उस रात कुछ ऐसा हो गया…
…
continue reading
एक शायर साहब किसी सरकारी दफ्तर से बाहर आ रहे थे कि तभी तेज़ आंधी चलने लगी. आंधी में एक पेड़ टूटकर गिरा और शायर साहब उसके नीचे दब गए. शायर साहब चिल्लाए कि कोई मुझे बचाओ, ये पेड़ हटाओ. तभी वहां से एक अधिकारी का चपरासी गुज़र रहा था. उसने कहा आप कौन हैं, वो दबा हुआ शख्स बोला, मैं शायर हूं, शेर सुनाता हूं। - सुनिए स्टोरीबॉक्स में मशहूर राइटर कृष्ण चंदर …
…
continue reading
कॉफी का रंग घुलने लगा था। बावर्ची खाने में आंखों के कोरों पर ग़म को पोंछते हुए ज़ैनब चाय की पत्ती का डिब्बा ढूंढने लगी। दूसरी शादी का पहला दिन था वो। सब कुछ कितना अजनबी लग रहा था वहां। वो दीवारें, वो शेल्फ़, वो बर्तन... जैसे वो किसी अंजानी सड़क से गुज़र रही हो और तमाम अजनबी आंखें घूर रही हों। एक मां के तौर पर भी उसे खुद से शिकवा था, इस रिश्ते के लि…
…
continue reading
मीरपुर के उस जलसे में मुझे स्टेज पर भेज दिया गया और दर्जनों लोग स्टेज पर आकर मुझसे गले लग कर जा रहे थे तभी मुझे मेरी जेब हलकी महसूस हुई. देखा तो कोई मेरा बटवा मार गया था. पैसे खोने का अफसोस नहीं था, डर इस बात का था कि बटुवे में रखा मेरे भाषण वाला पर्चा भी चला गया. सामने पांच हज़ार लोग थे। समझ नहीं आ रहा था कि अब बोलूं तो बोलूं क्या - सुनिए पतरस बुख…
…
continue reading
पत्नी का गुज़रे कुछ साल हुए थे कि मंशी जी बिल्कुल ज़िंदगी से अलग हो गए थे. किसी चीज़ में मन नहीं लगता था. कोई भूला भटका घर आ जाए तो उसे अपनी पत्नी के क़िस्से सुनाते रहते थे. पर एक रोज़ मैंने देखा कि वो सुबह सवेरे बन ठन कर कहीं निकल रहे हैं मैंने पीछा किया और जो देखा वो देख कर हैरान रह गया. पार्क में एक मोहतरमा उनका इंतज़ार कर रही थीं - सुनिये मुंशी…
…
continue reading
रातें सर्द होने लगी थीं और उसके पास रहने का कोई इंतज़ाम नहीं था. उसने बहुत सोचा और फिर इस नतीजे पर पहुंचा कि उसके लिए अगले तीन महीने के लिए जेल से अच्छी जगह कोई नहीं है. उसे वहां मुफ्त खाना भी मिलेगा और कंबल भी. लेकिन सवाल ये था कि जेल जाने के लिए क्या किया जाए. उसने एक प्लान बनाया - सुनिए पूरी कहानी स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से…
…
continue reading
![Artwork](/static/images/128pixel.png)
1
ब्रेक अप एट गरबा नाइट | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद
13:05
13:05
「あとで再生する」
「あとで再生する」
リスト
気に入り
気に入った
13:05वो गुड़गांव के दफ्तर में होने वाली गरबा नाइट थी। फालगुनी पाठक उसमें चीफ गेस्ट थीं। हर तरफ डांडिया थामे सजे-धजे लोग और माहौल में म्यूज़िक गूंज रही थी लेकिन इस भीड़ में एक लड़का था इशान.. जिसके चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थीं क्योंकि उसे गरबा खेलते-खेलते करना था ब्रेकअप... सुनिए पूरी कहानी स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से…
…
continue reading
मुझे ये क्यों लग रहा था कि मैं उस घर में अकेला नहीं हूं. कोई और भी है जो मेरे आसपास खड़ा मुझे देख रहा है. बिजली तेज़ से कौंधी और तभी मैंने वो देखा जो मैं अपनी मौत तक कभी नहीं भूल पाऊंगा. सुनिए स्टोरीबॉक्स में हॉरर कहानी 'उस घर में कौन था?'Aaj Tak Radio による
…
continue reading
एक शायर साहब ने कुत्ता पाला और न सिर्फ पाला बल्कि उस कुत्ते को शायरी के आदाब भी सिखा दिये. कुत्ता इतना शायरी का पारखी हो गया कि न सिर्फ पूंछ उठा के बता देता था कि शेर अच्छा है या ख़राब बल्कि नए शायरों की गज़ल की इस्लाह भी कर देता था. एक बार मेरा उन शायर साहब के घर में जाना हुआ और वो किस्सा भुलाए नहीं भूलता. सुनिए स्टोरीबॉक्स में पतरस साहब की कहानी …
…
continue reading
मेरे सामने बैठी उस ग़रीब महिला ने अपने कंधे पर से साड़ी का पल्लू हटाते हुए कहा, "डॉक्टर साहब, पति ने बहुत मारा है" उसके कंधे का ज़ख्म गहरा था और उस पर दांत के निशान थे। सुनिए स्टोरीबॉक्स में कहानी 'अस्पताल की एक सुबह' जमशेद क़मर सिद्दीक़ी सेAaj Tak Radio による
…
continue reading
दूसरी दुनिया से आई उस लड़की ने प्रोफ़ेसर से क्यों कहा कि वो उनके बारे में ऐसा राज़ जानती है जो दुनिया में औऱ कोई नहीं जानता. भेड़िये के बारे में प्रोफेसर ने जो कुछ नैना को बताया उसमें कितना सच था और कितना झूठ? क्या हुआ था मुर्तज़ा के साथ? और क्या था उसकी मौत का असली राज़? सुनिए स्टोरीबॉक्स में भेड़िया कहानी का दूसरा और आखिरी पार्ट - जमशेद क़मर सिद्…
…
continue reading
उस लड़की ने कहा कि वो तीन सौ साल बाद की दुनिया से आई है. वो एक टाइम ट्रैवलेर है और प्रोफ़ेसर तबस्सुम के बेटे मुर्तज़ा जिसके बारे में मशहूर था कि उसे भेड़िये उठा कर ले गए थे, वो उस हादसे की हक़ीकत जानती थी. क्या थी हक़ीकत और क्या वो वाकई भविष्य से आई थी? सुनिए जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से स्टोरीबॉक्स की नई कहानी 'भेड़िया'…
…
continue reading
ठाकुर साहब ने उसे कभी भी अपने सगे बेटे से कम नहीं माना था और इसीलिए जब सगे बेटे की शादी हुई तो शादी की सारी खरीद फ़रोख्त की ज़िम्मेदारी उसे ही दे दी. लाखों का लेन देन उसी के हाथों हो रहा था यहां तक कि शादी के ज़ेवर भी उसी ने ख़रीदे. कभी उसकी नीयत नहीं ख़राब हुई लेकिन एक रोज़ रात के वक्त उसके ज़मीर ने करवट बदली और उसने ज़ेवरों से भरे उसे डिब्बे को च…
…
continue reading
![Artwork](/static/images/128pixel.png)
1
एक कवि की मौत की अफवाह | स्टोरीबॉक्स | Ep 103
19:49
19:49
「あとで再生する」
「あとで再生する」
リスト
気に入り
気に入った
19:49शहर में खबर उड़ी की एक बड़े इंतकाल फ़र्मा गए हैं. और थोड़ी देर बाद पता चला कि ख़बर अफवाह है. पर इस अफ़वाह ने मोहल्ले के फ़र्ज़ी शायर शुक्ला जी 'ज़ालिम' का नुकसान कैसे कर दिया. किस चक्कर में फंस गए शुक्ला जी 'ज़ालिम' सुनिए स्टोरीबॉक्स में.Aaj Tak Radio による
…
continue reading
![Artwork](/static/images/128pixel.png)
1
बिना बालकनी वाला मकान | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद | Ep 102
15:05
15:05
「あとで再生する」
「あとで再生する」
リスト
気に入り
気に入った
15:05वो शहर मेरे लिए नया था, वहां की दीवारें अजनबी थीं. उस शहर की सबसे अजीब बात ये है कि वहां घरों में बालकनी नहीं होती थी, बस एक खिड़की जिससे अपने हिस्से का आसमान ताकते रहो. उस घर में रहते हुए मुझे याद आई अपने घर की वो बड़ी सी बालकनी जहां मैं शाम को खड़े होकर चाय पीता था. और मैंने तय किया कि मैं लौट जाऊंगा. लेकिन उसी शाम मेरी कागज़ात की फाइल से एक पुरा…
…
continue reading
![Artwork](/static/images/128pixel.png)
1
26/11: मुंबई की वो रात | स्टोरीबॉक्स | Ep 101
22:53
22:53
「あとで再生する」
「あとで再生する」
リスト
気に入り
気に入った
22:53वो रात जब सिर्फ मुंबई दहल उठी थी। होटल ताज में छुपे आतंकवादियों के निशाने पर थे आम लोग। कई बेगुनाहों की मौत हो चुकी थी और कई उनके निशाने पर थे। ऐसे वक्त में सामने आई नेवी के कमांडोज़ की एक ख़ास टुकड़ी जिसने अंधेरे कमरे में छुपे आतंकवादियों का निशाना सिर्फ आवाज़ों के सहारे किया। 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सुनिए स्टोरीबॉक्स की ख़ास कहानी '26/11…
…
continue reading
![Artwork](/static/images/128pixel.png)
1
PROMO : STORYBOX WITH JAMSHED QAMAR SIDDIQUI | 100 Episodes
0:44
0:44
「あとで再生する」
「あとで再生する」
リスト
気に入り
気に入った
0:44स्टोरीबॉक्स ने पूरे कर लिये हैं 100 शानदार एपिसोड्स। इस सफ़र में यहां तक साथ देने के लिए आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया। इंसानी जज़्बात की ये ख़ूबसूरत कहानियां चलती रहेंगी। - जमशेद क़मर सिद्दीक़ीAaj Tak Radio による
…
continue reading
नवाब साहब का वो घोड़ा मशहूर इसलिए था क्योंकि माना जाता था कि अगर किसी ने घोड़े की पूंछ का बाल सूंघ लिया तो उसे मनचाहा प्यार मिल जाएगा। हर इतवार घोड़े के पीछे लाइन लग जाती थी लेकिन एक रोज़ जब नवाब साहब की बेटी को मोहल्ले के बब्लू से प्यार हो गया तब घोड़ा काम नहीं आया - सुनिए पूरी कहानी 'स्टोरीबॉक्स' में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी साउन्ड मिक्सिंग: कपिल देव…
…
continue reading
![Artwork](/static/images/128pixel.png)
1
पुराने मुहल्लों का प्यार | स्टोरीबॉक्स | EP 99
18:26
18:26
「あとで再生する」
「あとで再生する」
リスト
気に入り
気に入った
18:26परवेज़ भाई वो आदमी थी कि जो सालभर तो ठीक रहते थे लेकिन फरवरी का महीना आते ही उनके अंदर एक अजीब सा गुस्सा आ जाता था. वो उन आशिकों की पिटाई के मौके ढूंढने लगते थे जो अपनी महबूबा के साथ बन ठन के घूमने निकलते थे. पर तब क्या हुआ जब परवेज़ भाई को ही इश्क़ की हवा लग गयी. जब मोहल्ले में रहने वाली उनकी पुरानी इकतरफ़ा मुहब्बत आफ़रीन ने लिख दिया उनके नाम पर ह…
…
continue reading
रात के सन्नाटे में एक कैब ड्राइवर को मिली एक ऐसी सवारी जिसके साथ किया हुआ सफर वो हमेशा याद रखेगा। ढाई साल पहले दिल्ली के एक इलाके में हुई लड़की की हुई मौत से उस सवारी का क्या रिश्ता था और क्यों शहर के एक ख़ास चौराहे पर कैब्स का एक्सीडेंट हो जाता था? इन हादसों के पीछे की ख़ौफनाक हक़ीकत सुनिए 'स्टोरीबॉक्स' में जमशेद कमर सिद्दीक़ी से…
…
continue reading
![Artwork](/static/images/128pixel.png)
1
पुरानी तिजोरी और दस लाख का चैलेंज | स्टोरीबॉक्स | Ep 97
27:08
27:08
「あとで再生する」
「あとで再生する」
リスト
気に入り
気に入った
27:08शहर के अख़बार में एक सुबह ख़बर छपी "किसी भी ताले या तिजोरी को खोलने में माहिर मुख़्तार ने डालमिया लॉक्स कंपनी को दी चुनौती" मुख़्तार नाम के शख्स ने कहा कि वो हज़ारों लोगों के सामने 'डालमिया लॉक्स' की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली तिजोरी को खोल कर दिखाएगा। पहले ही दिवालिया होने के कगार पर खड़ी कंपनी ने क्या मुख़्तार की चुनौती को कुबूल किया? क्या ये क…
…
continue reading
![Artwork](/static/images/128pixel.png)
1
ज़ुल्फ़ी भाई की बिरयानी | स्टोरीबॉक्स | EP 96
17:02
17:02
「あとで再生する」
「あとで再生する」
リスト
気に入り
気に入った
17:02ज़ुल्फ़ी भाई घर से निकले हाथ में बिरयानी थी और चल दिए उस घर की तरफ जहां उन्हें बिरयानी डिलिवर करनी थी लेकिन तब वो ये कहां जानते थे कि आज उनकी ज़िंदगी में वो होने जा रहा है जिसका इंतज़ार वो पिछले छ सालों से कर रहे थे और वो थी आबिदा से मुलाकात - सुनिए स्टोरीबॉक्स में कहानी 'ज़ुल्फ़ी भाई की बिरयानी'Aaj Tak Radio による
…
continue reading
एक थ्रिलर नॉवेल लिखने वाला शख्स को अजनबी शहर में अचानक पता चलता है कि उसके कोई पुराने रिश्तेदार इसी शहर में रहते हैं. वो मिलना तो नहीं चाहता पर मां के बार-बार फोन आने पर उसे मिलने जाना पड़ता है. जब वो वहां पहुंचता है तो उसे एक 13-14 साल की बच्ची मिलती है जो उसे एक कमरे में बैठने के लिए कहती है. एक कमरा जिसका पीछे का दरवाज़ा जंगल की तरफ खुलता है. खू…
…
continue reading
![Artwork](/static/images/128pixel.png)
1
मेरे हस्बैंड की गर्लफ्रेंड | स्टोरीबॉक्स | EP 94
24:43
24:43
「あとで再生する」
「あとで再生する」
リスト
気に入り
気に入った
24:43एक पत्नी अपनी पति की बात उसकी एक्स गर्लफ्रेंड से क्यों करवाती थी? वो क्या था जिसने उन दोनों को एक बीते हुए रिश्ते को लेकर इतना सहज बना दिया था? और वो एक्स गर्लफ़्रैंड उन दोनों की ज़िंदगी में किस तरह शामिल थी? सुनिए डॉ दुष्यंत की किताब 'क़िस्से कॉफ़ियाना' की एक कहानी 'एकदा एक्स' का एक हिस्सा स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से. साउंड मिक्सिंग: न…
…
continue reading
घर के पीछे वाले कमरे के एक कोने में रखी उस पुरानी अलमारी में कौन से राज़ छुपे थे जो अंतरा की मम्मी उसके सामने नहीं आने देना चाहती थीं? अंतरा के पापा की मौत के बाद ज़िंदगी को दोबारा शुरु करने में अंतरा को कौन से डर घेरे रखे थे. सुनिए जमशेद कमर सिद्दीक़ी से स्टोरीबॉक्स में कहानी 'घर की अलमारी'. साउंड मिक्सिंग: कपिलदेव सिंह…
…
continue reading
जलील भाई के दादा को किसी ज़माने में वायसरॉय साहब ने अपने बंग्ले से उतार कर पंखा दिया था और वही पंखा जलील भाई की डेंटल क्लीनिक पर आजतक लटका हुआ है. पर इस पंखे ने कैसे बिगाड़ दी जलील भाई की प्रेम कहानी - सुनिए जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से स्टोरीबॉक्स मेंAaj Tak Radio による
…
continue reading
कानपुर रेलवे स्टेशन पर रिज़र्वेशन की लाइन में खड़े एक शख्स ने जब खिड़की से पैसा अंदर बाबू की तरफ बढ़ाया तो उसने कहा कि ये नोट नकली है लेकिन नकली नोट की वजह से वो कैसे मिल गए अपनी उस मुहब्बत से जिसकी तलाश में सालों से यहां वहां मजनूँ बने घूम रहे थे - सुनिए स्टोरीबॉक्स में क़िस्सा नकली नोट का - जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से…
…
continue reading
इतनी रात के वक्त यहां क्या कर रहे हो? पुलिस अफ़सर ने उससे पूछा तो उसने कहा, "मैं अपने पुराने दोस्त का इंतज़ार कर रहा हूं। बीस साल पहले हमनें यहीं मिलने का वादा किया था" कुछ देर बाद एक शख्स आया और उसने बढ़ाते हुए कहा, "तुम बॉब हो?" बॉब ने झिझकते हुए हाथ तो बढ़ा दिया पर उसे शक था कि ये उसका दोस्त ही है या फिर कोई और... - सुनिए स्टोरीबॉक्स में इस हफ्त…
…
continue reading
उस काली अंधेरी सुनसान रात में सामने वाले अपार्टमेंट की खिड़की में मैंने जो देखा था उसे मैं कभी नहीं भूल सकता. भूत प्रेत या साय पर मेरा यकीन हो या ना हो लेकिन उस रात के बाद ज़िंदगी और उसकी अहमियत पर मेरा यकीन ज़रूर बढ़ गया था - सुनिए स्टोरीबॉक्स में कहानी 'अमावस की वो रात' जमशेद क़मर सिद्दीक़ी सेAaj Tak Radio による
…
continue reading
फिल्मों में हीरो-हीरोइन जैसे ही हमेशा के लिए मिलते हैं, फिल्म खत्म हो जाती है। पर असल में ज़िंदगी तो वहीं पर शुरु होती है। शादी को मुहब्बत का THE END क्यों माना जाता है? सुनिए लतिका और शिवम की वो प्रेम कहानी जो शादी के बाद घर की चार दीवारी के बीच शुरु हुई। स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से. साउंड मिक्सिंग: कपिल देव सिंह…
…
continue reading
मैं अपनी बीवी का मर्डर करना चाहता था और इसके लिए मैंने एक प्लान किया एक परफेक्ट मर्डर. मैंने उसे बर्फ से ढके उस पहाड़ पर चलने के लिए कहा जहां मेरा इरादा था उसे वहां से धक्का देने का. लेकिन मेरी पत्नी अपने प्लान के साथ आई थी. उसने जो रचा था उसने मुझे हैरान कर दिया था क्या कोई किसी से इतनी नफरत कर सकता है? सुनिए 'मियां, बीवी और मर्डर' जमशेद कमर सिद्द…
…
continue reading
एक मरता हुआ पेशेंट जो मरने से पहले आखिरी बार अपने उस पसंदीदा शायर की नज़्म सुनना चाहता है जिसने ज़िंदगी की बोरियत से तंग आकर खुदकुशी कर ली थी। और एक फीमेल डॉक्टर जो जानती है कि वो मरता हुआ पेशेंट मरते वक्त उसके गले लग कर इस दुनिया से जाना चाहता है क्योंकि वो उससे मुहब्बत करता है। सुनिए स्टोरीबॉक्स की कहानी 'एक शायर की खुदकुशी' जमशेद क़मर सिद्दीक़ी …
…
continue reading
मोहल्ले में आ गया है मंकी मैन. चश्मदीद बताते हैं कि उसकी आंखों की जगह लाल लाइट हैं और मुंह से धुआं निकलता है. वो छत के ऊपर से उड़ते हुए गुज़रता है और लोगों को काट लेता है. मोहल्ले के पार्षद जी बसेसर नाथ ने जनता से वादा किया है कि वो मंकी मैन से निपटने के लिए अपने घर की छत पर सोएंगे. क्या होगा पार्षद जी का - सुनिए 'स्टोरीबॉक्स' में नई कहानी 'मोहल्ले…
…
continue reading
नए रिश्तों की चमक में पुराने रिश्ते मद्धम ज़रूर पड़ जाते हैं लेकिन उनकी याद अक्सर आंखों को भिगो जाती है. मेरी एक उंगली पर बना वो निशान जो पुरानी अंगूठी उतारने से बन गया था, मुझे बार बार मेरे गुज़र चुके शौहर की याद दिला रहा था पर अब वक्त आ गया था कि उसे उतार दिया जाए - सुनिए स्टोरीबॉक्स की कहानी 'ख़ामोश सा अफ़साना' जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से…
…
continue reading
शायद मैं अकेली थी जिसे ईद का इंतज़ार नहीं था. इंतज़ार करें भी तो किसका. कुछ लोग आपकी ज़िंदगी से इस तरह जाते हैं कि सब कुछ बेरंग लगने लगता है, खासकर तब जब आपको पता हो कि वो इसी दुनिया के किसी हिस्से में आप के बारे में सोच रहे होंगे - सुनिए स्टोरीबॉक्स में एक खास कहानी 'ईद मुबारक' जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से…
…
continue reading
कहते हैं कि आदमी इश्क़ में कुत्ता बन जाता है लेकिन मुझे ऐसा कोई डर नहीं था क्योंकि मैं तो एक कुत्ता ही था। मैं सड़क का आवारा कुत्ता था लेकिन मुझे इश्क़ हो गया था उस आलीशान घर में रहने वाली पिंकी पॉमेरेनियन से जो अपनी मंहगी कार में अपनी मालकिन की गोद में बैठी रहती थी। हमने भी हार नहीं मानी गली के सारे दोस्त यार, मरझिल्ले, कनकटे, दुबले-पतले कुत्ते जम…
…
continue reading
![Artwork](/static/images/128pixel.png)
1
फांसी या उम्रक़ैद? | PART 2 | स्टोरीबॉक्स | EP 81
21:40
21:40
「あとで再生する」
「あとで再生する」
リスト
気に入り
気に入った
21:4015 साल कैद के बदले दस करोड़ की शर्त लगाने वाला वो अमीर कारोबारी कौन था जिसने सातवीं पास लड़के से लगाई एक अजीब शर्त? वो उस लड़के के कमरे में रिवॉल्वर लेकर क्यों गया था? और क्या वो लड़का अशर, 15 साल क़ैद की वो शर्त पूरी कर पाया? सुनिए स्टोरीबॉक्स में बेहद ख़ास कहानी फांसी या उम्रक़ैद - आजतक रेडियो पर साउन्ड मिक्सिंग: नितिन रावत…
…
continue reading
![Artwork](/static/images/128pixel.png)
1
फांसी या उम्रक़ैद? | PART 1 | स्टोरीबॉक्स | EP 80
17:52
17:52
「あとで再生する」
「あとで再生する」
リスト
気に入り
気に入った
17:52एक सातवीं पास शख्स से एक अमीर कारोबारी ने लगाई अजीब शर्त जिसमें उसे 15 साल तक एक क़ैद खाने में रहना था जिसके एवज में वो उसे दस करोड़ देने वाला था. क्यों लगाई उसने ऐसी शर्त और कौन जीता इस शर्त को - सुनिए स्टोरीबॉक्स में कहानी 'फांसी या उम्रकैद' जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से साउन्ड मिक्सिंग: सचिन द्विवेदीAaj Tak Radio による
…
continue reading