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"अम्बे तू है जगदम्बे काली" माता की विख्यात आरती है। इसके गायन से माँ दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। माँ के विभिन रूपों की स्तुति आप इस आरती के माध्यम से कर सकते है। आइये सुनते है माँ की पावन आरती।
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सनातन धर्म में पूजा-पाठ के दौरान मंत्रों के उच्चारण पर विशेष बल दिया जाता है। भगवान शिव की पूजा में कोई विशेष नियम नहीं होते। बल्कि भोले नाथ तो सिर्फ अपने भक्तो के द्वारा किये गए उनके मंत्र के उच्चारण से ही प्रसन हो जाते है। अगर भक्‍त सच्‍चे मन से इनका नाम भी पुकार ले तो भोले भंडारी उसकी हर मनोकामना पूरी कर देते है। इसलिए आइये और सुने शिवे जी की पावन आरती।
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भगवान राम के अनन्य सेवक श्री हनुमानजी अपने भक्तों पर आने वाले सभी संकटों को हर लेते हैं। तभी उनको संकट मोचक भी कहा जाता है। प्रत्येक भक्त को हनुमान जी की पूजा करने के बाद अंत में रोज उनकी आरती करनी चाहिए। कहा जाता है कि मंगलवार को हनुमान जी की आरती करने से हनुमान जी अत्यंत खुश होते हैं। उनकी पावन आरती करने से सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं और घर में सुख - समृद्धि आती है।
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स्कंद पुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार बिना आरती के राम जी की पूजा को संपूर्ण नहीं माना जाता। राम जी की आरती सभी आरतीयो में से पावन मानी जाती है। कहा जाता है कि राजा राम चंद्र भगवान की आरती सुनने मात्र से सभी समस्याओं का समाधान हो जाता है। आइये सुने आरती राम जी की।
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गणेश जी की पूजा और आरती के बिना कोई भी पूजा, अनुष्ठान पूर्ण नहीं होते। पूजा किसी भी देवी-देवता की क्यों ना हो, गणपति जी की आरती के बिना पूजा सफल नहीं मानी जाती है। गणेश जी की पूजा करने से दाम्पत्य जीवन में सुख और सौभाग्य आता है और घर में समृद्धि बढ़ती है। खास कर के बुधवार को उनकी पूजा करने से गणेश जी जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। तो आइये सुनते है उनकी पावन आरती।
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आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥ कहा जाता है कि आरती के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। आरती के बाद ही पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है। कुंज बिहारीजी की आरती भी एक ऐसे पावन आरती है जो शंख, घंटी और करतल बजाते हुए परिवार के साथ भक्ति के साथ गाई जाती है | भगवान श्री कृष्ण के साथ देवी राधा का यह आरती गीत वातावरण को आनंदित करता है। आइये सुनते है आरती कुंजबिहारी की।
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शंकर या महादेव आरण्य संस्कृति जो आगे चल कर सनातन शिव धर्म (शैव धर्म) नाम से जाने जाती है में सबसे महत्वपूर्ण देवताओं में से एक है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव भी कहते हैं। इन्हें भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधर आदि नामों से भी जाना जाता है। तंत्र साधना में इन्हे भैरव के नाम से भी जाना जाता है।[1] हिन्दू शिव घर्म शिव-धर्म के प्रमुख देवताओं में से हैं। वेद में इनका नाम रुद्र है। यह व्यक्ति की चेतना के अन्तर्यामी हैं। इनकी अर्धांगिनी (शक्ति) का नाम पार्वती है
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श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के 8वें अवतार और हिन्दू धर्म के ईश्वर माने जाते हैं। कन्हैया, श्याम, गोपाल, केशव, द्वारकेश या द्वारकाधीश, वासुदेव आदि नामों से भी उनको जाना जाता हैं। कृष्ण निष्काम कर्मयोगी, एक आदर्श दार्शनिक, स्थितप्रज्ञ एवं दैवी संपदाओं से सुसज्ज महान पुरुष थे। उनका जन्म द्वापरयुग में हुआ था। उनको इस युग के सर्वश्रेष्ठ पुरुष युगपुरुष या युगावतार का स्थान दिया गया है। कृष्ण के समकालीन महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित श्रीमद्भागवत और महाभारत में कृष्ण का चरित्र विस्तुत रूप से लिखा गया है। भ ...
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लक्ष्मी जी को धन की देवी माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जिस घर में लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है उस घर में बरकत का वास होता है। लक्ष्मी जी की आरती व पूजा करने से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। कहते हैं कि अगर धन की देवी लक्ष्मी की आरती करके पूजा की जाए तो वो प्रसन्न हो जाती हैं और अपने भक्तों को सुख-समृद्धि का आर्शीवाद देती हैं। लक्ष्मी जी की आरती और चालीसा पाठ कर आप मां की आराधना कर सकते हैं। यह आरती करने से विशेष फल प्राप्त होता है।
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